What is important for you,may be not so important for others. Everyone has different priorities and we should respect it.
वक्त का पहिया तो चलता ही रहता है। ना वो किसी के लिए कल रुका था ना ही वो आज रुका है। यहीं तो जीवन चक्र है ये रुकता नहीं है।
जीवन का सफर कुछ यूं अंदाज ए बयां करता है, आए थे राही बनकर और भटक रहें हैं दर बदर। ना सफर खत्म होता है न मंजिल ही नजर आती है।ये राह तो बड़ी तंग नजर आती है।
क्यों कैद रहे किसी पिंजरे में तू इंसान,जब तू खुद की आदतों का ही गुलाम है। आजाद कर खुद को इन आदतों से जो जीवन में अभिशाप हैं। @विनीता सिंह तोमर
क्यों कैद रहे किसी पिंजरे में तू इंसान,जब तू खुद की आदतों का ही गुलाम है। आजाद कर खुद को इन आदतों से जो जीवन में अभिशाप हैं। @विनीता सिंह तोमर