Kumar Gaurav Vimal
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A simple boy who writes only to express his feelings and emotions

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Jiske khatir hum jaha bhool gye, Wo asal me hamara bhool tha... Hum aaine me tasweer Jo dekhte rhe, Wo barso se jma hua dhool tha... Kumar Gaurav Vimal

ऐ वक़्त तुझसे है बस इतनी दुआ, की तू वक़्त के साथ... वक़्त की तरह ना बदल जाना... By Kumar Gaurav Vimal

तलवार सीने से निकल गई, बस एक छुरा बाकी रह गया.... अरमान कुछ हो गए पुरे, कुछ अधूरा बाकी रह गया... By Kumar Gaurav Vimal

पुराने चेहरे ढूंढते रहें , पुरानी चार दीवारी में... ये कहाँ आ गए है हम, जीवन की रेलगाड़ी में... पुराने चेहरे ढूंढते रहे, पुरानी चार दीवारी में... Kumar Gaurav Vimal

ए किस्मत मेरे करम कर दे, कुछ मुझपर भी रहम कर दे... देखता हु जो ख्वाबों में, सच वो सारे भरम कर दे... Kumar Gaurav Vimal

तन्हाई की रजाई में ख़्वाब कई देखें है, हमने अरमानों की आग में हाथ काफ़ी सेके है, दर्द की सर्द में जब हाथ कांपने लगते हैं, तो ज़िंदगी के अलाव में हमने रिश्ते कई फेके है... Kumar Gaurav Vimal

कह देते थे सारी बातें, दिल में कुछ ना रखते थे... पर जब से मिली है नज़रे आपसे, ख़ुद की ही नज़रों से बचते हैं... Kumar Gaurav Vimal

पर्दे में ही रहा करो, ये पर्दा अब ना हटाना तुम तेरे दीदार रही चाहत नहीं, मेरे सामने अब ना आना तुम ये दीवार जो खड़ी की है तुमने, सुराक इसमें ना बनाना तुम रहने दो खामोशी दरमियान, वो लम्हे फिर ना दोहराना तुम दिल की बातें दिल में ही रखना, गलती से भी मुझे ना बताना तुम पर्दे में ही रहा करो, ये पर्दा अब ना हटाना तुम Kumar Gaurav Vimal

सुर्ख हवाओं में लिपटी, याद तेरी जब आती हैं... सुकून की चादर ओढ़ाकर, रात को हमें सुलाती है... Kumar Gaurav Vimal


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