@anil-mishra-prahari

Anil Mishra Prahari
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Author of books 'Prahari', 'Rahi Chal' 'Vande Bharat.' and 'Jagrani'.

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यह कैसा है दृश्य धूप में छाया है, लिपट धरा से गया गगन का साया है, अम्बर में यह कैसा सागर तैर रहा, धरती की जो प्यास बुझाने आया है। a m prahari

जो भी शिव को खुश करे, पा जाता वरदान पंडित-मूरख ,सुर-असुर, नृप-निर्धन, नादान। a m prahari

शिव से तारेगण सकल,दिनकर-विधु, दिन- रात नीर,अनल,शीतल-अनिल,कली,कुसुम,द्रुम-पात। a m prahari

सिर्फ जो उठती लहर व धार देखेगा ध्येय अपना भूलकर मझधार देखेगा, छोड़ दे जो हारकर पतवार मौजों से वो भला कैसे नदी के पार देखेगा। a m prahari

शिक्षक है जो ज्ञान -दीप से तम को दूर करे सही राह दिखलाकर सबका सब अज्ञान हरे, शिक्षक वह जो कठिन समय में जीने का गुर देता प्रेम, दया, समरसता की हर उर में नींव धरे। a m prahari

दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये। देश-विदेश पुलक अति भारी,पूर्ण कामना जनमन सारी। द्वार -द्वार नव दीप जले हैं, जस सौ-सूरज गगन तले हैं। राम-नाम भय,संकट-त्राता,चरण-कमल रज चाहूँ दाता। a m prahari

हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है घर-वीथिका दीपक जले दिखता नहीं तम शेष है, जग हो गया है राममय,बरसी कृपा रघुनाथ की हो पाप पर जय पुण्य का नववर्ष का संदेश है। a m prahari

बहुत कीमती है पानी, इसे बचाएँ,यह चाहे झरने से गिरे या आँखों से। a m prahari

कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी सफलता का बहुत बड़ा कारण बन जाती है। a m prahari


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