Hitesh Panwar
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व्यव्हार अच्छा नहीं होता लोगों का रिवाज सारे करते हैं पैसे जेब में नहीं होते लोगों के दिखावा पूरा करते हैं

आजकल के बालकों का ज्ञान सिर्फ मोबाइल और नेट तक सीमित है नाना नानी दादा दादी को तो बच्चे भूल गए हैं उनके साथ बैठना उनके लिये समय का व्यर्थ होना हो गया है आजकल के बच्चों का मनोविज्ञान बदल गया है

आजकल के बालकों का ज्ञान सिर्फ मोबाइल और नेट तक सीमित है नाना नानी दादा दादी को तो बच्चे भूल गए हैं उनके साथ बैठना उनके लिये समय का व्यर्थ होना हो गया है आजकल के बच्चों का मनोविज्ञान बदल गया है

जिन्दगी भी नदी की तरह होनी चाहिए कितने भी उतार चढ़ाव आयें रोक टोक आये रूकनी नहीं चाहिए

मैनें उससे प्यार कर अपने आप को लुटा दिया किसी और के खिलौने को अपना बनाकर आ बैल मुझे मार का टैग लगवा दिया

तेरे इन्तजार में बेठे ऐसे जैसे बीती रात कमलदाल फूल तू गुजर गयी पास मेरे ऐसे जैसे हवा की लहर आके चल बसे

जो निस्वार्थ से हमारा साथ देते है वो सच्चे दोस्त होते है जो लडाई होने पर भी गले से लगा लेते हैं वो पक्के दोस्त होते हैं लोग कहते हैं कि एक और एक दो होते हैं लेकिन जब मैं और मेरे दोस्त मिलते हैं तो जुड़ कर एक और एक ग्यारह होते हैं

मैनें मेरे जज्बात को एक पत्र पर लिखा इश्क़ की परिभाषा को पत्र पर लिखा मैनें पत्र जो लिखा भेजा तक नहीं और मैं अब पहले जैसा अब उसे चाहता भी नहीं

तुझसे प्यार करता हूं फिर भी तुझे अपना नहीं कहता तेरा इन्तजार करता हूं फिर भी सपना नहीं कहता इस अनकहे रिश्ते को एकतरफा इश्क़ नहीं कहता किसी और की लकीरों से तुझे चुराना नहीं चाहता


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