Sunita Chavda
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इंसान सब कुछ भुल सकता है​, सिवाय उन लम्हों के जब उसे अपनो की जरूरत थी, और वो साथ नहीं थे...

कया दाद दू मैं तुम्हारी 👏 पास होके पहले मरना सीखाया 😍 अब दूर होके जीना सीखा दिया 😂

चलो आज हम एक शर्त रखते हैं, आजमाएंगे कभी, एक दूजे को पहले किसके, दिल बदलते है।

तुझे पाके बहुत कुछ सीखा, मैने जिन्दगी पहले गिरना फिर सभंलना जिदंगी

दिल था कोरा कागज, अफसाना लिख गया कोई क्या खबर थी एक दिन हम, किताबो मैं मशहूर हो जाऐगे..

ऐ दोस्त तू जिंदगी कर ले, कुछ इस तरह से बसर घुट-घुटकर ऐसे ही जीने की, खुद को ना दें सजा यादगार बन जाए ये जीवन, पल-पल कि क्षणों में तू ले-ले जीने का मजा मरके फिर कभी ना होगा, इसी शरीर में तेरी आत्मा का मिलन जुदा होंगे ये एक दूजे से, कहीं ना होगा इसका नामो-निशा अनमोल इस देह को व्यथीत नाकर, तू दुख और पीडाओ से उस राह को चुन लें जहां मिल जाए, तुझे जीने कि एक नई दिशा " सुनीता चावडा"

बहुत खुशी देना भी उसका रास ना आया, अब क्या नाम दे हम उसको, जिसे हमने सब कुछ माना, खबर नहीं हमें क्या कमी थी, हमारी वफा मैं, हमने भी तो दिल उसपे लुटाया, मगर सिला कुछ और ही नजर आया..।

जाने क्यू ऐसे खफा हुए हम खुदसे, अब तो खुशी भी डराती हैं, और गम खास लगता हैं।

दिल का रिश्ता ही ऐसा होता हैं, प्यार करनेवाला अक्सर रोता है। बेवफा होने वाले क्या जाने, कोई उसे दिल मे बसा के अब भी क्यू नही सोता हैं।।


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