I'm Priyashree and I love to read StoryMirror contents.
ज़िन्दगी तू क्या है? छलावा ही छलावा है कभी खुशी कभी गम, धूप छाँव का साया है ज़िन्दगी तू क्या है? छलावा ही छलावा है कभी खुशी कभी गम, धूप छाँव का साया है