I'm Mahavir and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsसबका खेवनहार है, एक वही मल्लाह हिन्दी में भगवान है, अरबी में अल्लाह अरबी में अल्लाह, रंग अनेक हैं उसके उसके सारे स्थान, ढंग अनेक हैं उसके महावीर कविराय, न कोई कुनबा-तबका बीच घिरे मझधार, नाखुदा है वो सबका •••
ज़िंदगी तुझको नहीं है उस्तवारी हाय-हाय मौत का मातम हुआ है ग़मगुसारी हाय-हाय रात सरहद पर चली थी गोलियाँ फिर दोस्तो आ पड़ा है देश पर फिर वक़्त भारी हाय-हाय —महावीर उत्तरांचली
// दोहा // लक्ष्य कठिन पर दुख नहीं, चले चलो दिनरात कोरोना व्यापक सही, देंगे उसको मात —महावीर उत्तरांचली
// दोहा // अन्धकार का नाश हो, यह प्रकाश की जीत कोरोना के मध्य यूँ, गा खुशियों के गीत —महावीर उत्तरांचली