जो कहना है मुंह पर कहो, पीठ पीछे कहकर क्या हासिल? कहने से पहले सोच जरूर लेना, क्या सचमुच तुम हो, कुछ कहने के काबिल।।
जिसमें कोई निशां नहीं मेरा, वो दुनिया पुरानी है। जिसमें होगी मेरी ज़मीं, थोड़ा सा मेरा आसमां, ऐसी एक नई दुनिया बनानी है।
जो कहना है मुंह पर कहो, पीठ पीछे कहकर क्या हासिल? कहने से पहले सोच जरूर लेना, क्या सचमुच तुम हो, कुछ कहने के काबिल।।