कविताएँ लिखना शौक ही नहीं कविता से इश्क होना भी है।
Share with friendsतुम्हारी यादों के उजाले में आज फिर मैंने एक अंधेरी रात गुजार दी स्वप्न के दीवार पर शब्दों के रेखाओं से तुम्हारी एक तस्वीर सजा दी।। 'मो० आशिक'
कहाँ दिल खोल बैठे प्यारे इस मतलब की मण्डी में यहाँ स्वार्थ के .पलड़े पर माप - तौल दिये जाते है खैरियत - दुआ - सलाम ।। - MD ASHIQUE