मो० आशिक
Literary Captain
25
Posts
25
Followers
0
Following

कविताएँ लिखना शौक ही नहीं कविता से इश्क होना भी है।

Share with friends

शामे यूं चली जाती है बगैर इत्तिला किये महिने वर्ष में चले गये बगैर एक मुलाकात के

तुम्हारी यादों के उजाले में आज फिर मैंने एक अंधेरी रात गुजार दी स्वप्न के दीवार पर शब्दों के रेखाओं से तुम्हारी एक तस्वीर सजा दी।। 'मो० आशिक'

कब तक गैरों से पुछी जायेगी मेरी खैरियत चलो आज गैर समझ पुछ लो तुम मेरी तबयीत

कहाँ दिल खोल बैठे प्यारे इस मतलब की मण्डी में यहाँ स्वार्थ के .पलड़े पर माप - तौल दिये जाते है खैरियत - दुआ - सलाम ।। - MD ASHIQUE

तुम्हें पा लेने की जद्दोजहद ख्वाहिश नहीं बस ख्याल खोने से डर लगता है। - Md ASHIQUE

आसानी से जो कविता समझ आ जाये वह बड़ी बेचैनी में लिखी होती है।।


Feed

Library

Write

Notification
Profile