Razada *Khatoon Raaz'*
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"आलिंगन को बांह पसारे पूछ रहा ये ताज है... प्यार अमर हो जाए कहानी क्या ऐसी कोई आज है...। इश्क़ की यह अनमोल निशानी और भी बन जातीं लेकिन... गली-गली में शाहजहां अब घर-घर में मुमताज है ...।।"

"जहां संकल्प होते हैं

"तेरा एक अनजान सा रिश्ता, जो मुझको छू के जाता है । तुम्हारी बेरुख़ी पर भी मेरा दिल क्यों लुभाता है ।। राज़दा राज़

"कभी तो याद करेगा मेरी वफ़ाओं को यही समझ के सारी उम्र काट दी मैंने।। राज़दा राज़ ्र

मज़हब को ना बनाइये ,नफरत का अंबार... एक दूजे से पूछिये कौन है जिम्मेदार ।। राज़दा खा़तून राज़

" मैं कहां आसान थी , अनबुझ पहेली की तरह ... उसने मुझको "राज" कहकर , और मुश्किल कर दिया ।।" राज़दा ख़ातून राज़

मयख़ाने से दीवाने का रिश्ता तुम को याद रहा,... सांसों के अनछुए मिलन से तुम बिल्कुल अनजान रहे।। राज़दा खातून राज़

"जहां संकल्प होते हैं हमें सोने नहीं देते ... खुली आंखें हो या हो बंद हमें सोने नहीं देते ...। जहां जज़्बा हो शामिल रूह में कुछ कर गुज़रने का ये मत कहना कि अब हालात कुछ होने नहीं देते...।।" राज़दा खातून राज़

"मैं कहां आसान थी अनबुझ पहेली की तरह... उसने मुझको राज़ कहकर और मुश्किल कर दिया।।" राज़दा ख़ातून राज़


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