पिता ही जीवन का आधार है
पिता के बिना जीवन निराधार है
Neetu Ganpat Suryavanshi
तेरे इश्क की गहराइयों में
उतर जाने को दिल करता है
बेइंतहा मोहब्बत है तुझसे
तु मेरे रूबरू हर वक्त रहता
-- नीतू झा (झाड़खंडे)
इश्क की गहराइयों में डुबते
मन में सपने हजार है
तन मन न्योछावर कर दू
कहता दिल बार बार है
मैं न भी कहूं तो
अखियां कह देती बेशुमार
बिना बोले लफ्ज़ कर देते हाले दिल इकरार है
कि हां मुझे सिर्फ आपसे प्यार है
नीतू झा (झाड़खंडे)