न दिल की बात सुनते हो न मेरी बात सुनते हो बड़े बदखलाक़ हो गए हो तुम इश्क़.....! इश्क़ तो करते हो और इश्क़ नहीं सुनते... आचार्य अमित
जो तुम नहीं थे तो हम नहीं थे बस वो ही था बस वो ही है और वो ही रहेगा जिसको तुम विधाता कहते हो। आचार्य अमित
यह दिल बैरागी हो जायेगा घर घर क़ैदी हो जायेगा यह बयार जो चल निकली है इससे कहो अब रुक जाये इसकी अकड अब झुक जाये इंसान ने खो दी है इंसानियत कुछ तो यह फ़िजा ही सुकूँ पाये जो होना है वो हो कर रहेगा यह एक बंजारा कहता है कोई देखें या न देखें वो देख रहा सब मस्ती है उसके आगे किसकी क्या हस्ती है वो मालिक है! हम कुछ भी नहीं वो सब कुछ है हम कुछ भी नहीं..... आचार्य अमित
Not important, a rob of rain is right, not mountain right, one king of Rahguri, right now, keeping your place, then keep it ........ acharya amit
समँदर न सही, बारिश की एक बूँद ही सही, पहाड़ न सही, रहग़ुज़र का एक कँकर ही सही, अपनी जगह वज़ूद तो दोनोँ ही रखते हैँ........ आचार्य अमित
मैं रुकना तो मैं चाहता था लेकिन क़दम रुक गए चलना तो मैं चाहता था लेकिन क़दम चल गये जो मैं चाहता था वो दिल न कर सका जो दिल ने कहा वो मैं न कर सका। आचार्य अमित