I'm sargam and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsफिर छिड़ी रात बात फूलों की, दिल से निकली आह फूलों की। तोड़ लो फूल माशूका के लिए, लेकिन करो परवाह फूलों की। सरगम भट्ट ✍️
लोग तो चांद तारे भी तोड़ लाने की बात करते हैं, मैं तो सिर्फ तुमसे दो मिनट का कीमती वक्त चाहती हूं। सरगम भट्ट ✍️
जिनकी नसीब में कांटे हो गुलाब कहां से पाएंगे, जिनकी नसीब में मंजिल है भिखारी क्यों रह जाएंगे। सरगम भट्ट ✍️