हम वहम में ही दिल हार गए
कि वो शख़्स हमारा हैं,,
वो किसी और का हाथ थाम कर
चल पड़े।
©®सरगमभट्ट
अलविदा दोस्त कहकर मैंने तुमको भुला दिया,
तेरे लिखे खत को यूं ही जला दिया।
सरगम भट्ट ✍️
फिर छिड़ी रात बात फूलों की,
दिल से निकली आह फूलों की।
तोड़ लो फूल माशूका के लिए,
लेकिन करो परवाह फूलों की।
सरगम भट्ट ✍️
आजादी को इतनी साल हो गए लेकिन समझ में नहीं आया आजाद कौन है।
सरगम भट्ट ✍️
मैं एक अनोखी किताब लिखूंगी,
किताब में महिलाओं का इतिहास लिखूंगी।
सरगम भट्ट ✍️
लोग तो चांद तारे भी तोड़ लाने की बात करते हैं,
मैं तो सिर्फ तुमसे दो मिनट का कीमती वक्त चाहती हूं।
सरगम भट्ट ✍️
प्यार समझो या चाहत जितना खुलकर तुमसे बात करती हूं उतना किसी और से नहीं।
सरगम भट्ट ✍️
मतलबी दुनिया में किसका कौन है,
पैसा बोल रहा इंसान मौन है।
सरगम भट्ट ✍️
जिनकी नसीब में कांटे हो गुलाब कहां से पाएंगे,
जिनकी नसीब में मंजिल है भिखारी क्यों रह जाएंगे।
सरगम भट्ट ✍️