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सपने........ जब उदास मन हो और सोच पे बंधन हो भावनाएँ भी साथ न दें सपने........ जब उदास मन हो और सोच पे बंधन हो भावनाएँ भी साथ न दें
निज भाषा को भूल करें राष्ट्र -एकता की बात, इससे बड़ा नहीं है कोई आघात। निज भाषा को भूल करें राष्ट्र -एकता की बात, इससे बड़ा नहीं है कोई आघात।
त्राहिगत रात है दिन जैसे आघात है। त्राहिगत रात है दिन जैसे आघात है।
जुनून हदे इंतहा तक बरसता रहा कभी यहाँ कभी वहाँ। जुनून हदे इंतहा तक बरसता रहा कभी यहाँ कभी वहाँ।
जनून की हद तक ले चल वक़्त की पतवार पे बहता चल जनून की हद तक ले चल वक़्त की पतवार पे बहता चल
मुद्दा युगों का नहीं यहाँ पर, अपना हर पल बनाएँ, इक नया सपना सजाएँ । मुद्दा युगों का नहीं यहाँ पर, अपना हर पल बनाएँ, इक नया सपना सजाएँ ।
चलो ग़ुल गुलिस्ताँ बहारों से आग़ाज़ करें अपनी सुबह का ! चलो ग़ुल गुलिस्ताँ बहारों से आग़ाज़ करें अपनी सुबह का !
सोच मत इस भँवर से तू अवश्य निकलेगा कोई तो रास्ता ज़रूर निकलेगा। सोच मत इस भँवर से तू अवश्य निकलेगा कोई तो रास्ता ज़रूर निकलेगा।
पत्ता -पत्ता बूटा -बूटा दूर रहने को मजबूर हो आया है। पत्ता -पत्ता बूटा -बूटा दूर रहने को मजबूर हो आया है।
जज़्बा है तो कर गुज़र... इक आग-सा, इक शोला-सा, दे हवा उसको तू बढ़ कर तोड़ तारे आसमाँ के, हम ज़मीं... जज़्बा है तो कर गुज़र... इक आग-सा, इक शोला-सा, दे हवा उसको तू बढ़ कर तोड़ तार...