ना जल की धारा को कोई ऱोक सकता है; ना समंदर को बाँध सकता है; ना हवा का घर,कोई पहचान सकता है; ना ओलों का भण्डार,कोई जमां कर सकता है; ना सूरज को उगा सकता है; ना तितलियों को दे सकता है रंगत कोई, ना पंछियों को उड़ा सकता है। हाँ रोबॉट तो बना सकता है अपनी अक़्ल से इंसान,पर क्या फूंक सकता है उसमें आत्मा,डाल सकता है उसमें जान। तेरा प्यार है कितना महान! परमेश्वर तेरा प्यार है कितना महान!
तू दिल का दरिया,मैं एक नदी; प्यास मेरी जाकर तुझमें बुझी। मेरा मन तेरा प्यासा,मेरा तन तेरा अतिअभिलाषी।
ख़ुदा हमसे चाहता है छोटे बच्चे सी मासूमियत,न ईर्ष्या न द्वेष न बदला न बुराईयाँ; एक हँसता सा छोटा दिल, एक सुंदर सा साफ मन।
मनुष्य जीवन की एक ख़ासियत है; निर्णय लें!छोटा बड़ा हर तरह का निर्णय। इसके बिना मंजिल तक पहुँचने का रास्ता कठिन है।
प्रेम ये नहीं की तुम सिर्फ़अपने से और अपनों से प्रेम रखो; सच्चा प्रेम वो है जिसमें तुम पहले ख़ुदा से फिर सारी दुनिया से अपने सामान प्रेम करो।
तेरे कथनों को समझ के ख़ुदा, तेरे वचनों को समझ के ज़मी; बस खोदते रहें तेरी मुहब्बत में। हाँ...,कुछ ऐसे डूबें तेरी मुहब्बत में।
बिना चखे,बिना महसूस किये, तुझे ढूढ़ते रहें तेरी मुहब्बत में; बिना माँगे,बिना पाये, ख़ुद को भूलते रहें तेरी मुहब्बत में; कुछ ऐसे डूबें तेरी मुहब्बत में।