@prasoon-srivastava

Prasoon Srivastava
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शायर, गीतकार, गज़लकार

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नई नस्लों को एक तालीम देता जाऊंगा वफ़ा के बारे में कलीम कहता जाऊंगा तुम समझ रहे हो ना मेरे बातों का सबब, इश्क की राह में मैं इस क़दर मरता जाऊंगा

कभी लब, कभी जुल्फें, कभी उनके अफसाने याद आते हैं बिछड़ कर यार वो अपने पुराने याद आते है

दावत दी है मैंने आकर मेरे दिल से खेले कोई बेवजह ही अब मुझे गर्दिशों में धकेले कोई यूं तन्हा रहना नही हो पाएगा अब हमसे चाहिए हमें भी प्यार मोहब्बत के झमेलें कोई


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