कौन कहता है कल में, ज़िन्दगी है।
जी सको तो, हर पल में ज़िन्दगी है।।
-ज्योति किरण
सुनाया करती है तन्हाई अक्सर उन तरानों को_
जिन्हें हम भूलकर भी अब तलक़ ना भूल पाये हैं।।
-ज्योति किरण
बीती रात का सबब पूछती हैं
कमल की पंखुड़ियाँ।
मुझसे हर बात का मतलब पूछती हैं
कमल की पंखुड़ियाँ।।
~ज्योति किरण
बंदे से बंदा मिले
मिले हाथ से हाथ।
एक और एक ग्यारह बने
चलें जो मिलकर साथ।।
~ज्योति किरण
सताना ज़िन्दगी की पुरानी आदत है।
मुस्कुराते हुए जीना सच्ची #इबादत है।।
~ज्योति किरण
नमाज़ -ए- ईद से पहले, हमारी #ईद हो जाए।
चाँद खिलने से पहले गर,तुम्हारी दीद हो जाए।।
~ज्योति किरण
बड़ी शिद्दत से साथ निभाया करते हैं_
इत्र और मित्र ज़िन्दगी महकाया करते हैं..✍️
~ज्योति किरण
हयात-ए-सफ़र की मुस्कान है दोस्ती_
दोस्तों से पूछो, तो जान है दोस्ती..✍️
~ज्योति किरण
इतनी शिक़ायत न कर ज़िन्दगी से_
रूठ जाओ अगर तुम,मनाती नहीं है।
इक खेल शतरंज के जैसा जीवन_
बाज़ी पलट के, फिर आती नहीं है ।।
~ज्योति किरण