jheel poet
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

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मै किसी शायर को अगर मना पाऊँ तो भी बहोत है, रंज़ ए ग़म जिंदगी का अगर भूला पाऊँ तो भी बहोत है! भटक़ गया है हर कोई वफ़ा ए मोहब्बत के ख़ातिर, किसी राहग़ीर को मै अगर मना पाऊँ तो भी बहोत है! मुझको क़तई यह ग़म नही है वह सदा सलामत रहे, जब मिलेगा मैं अपनी नज़र झुका पाऊँ तो भी बहोत है! जब होगा उनकों... Read more

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