ये मेरी नही उनकी नज़रो की शरारत है
दिल मेरा कर रहा है ,उनसे मोहब्बत है
क्या होगा बेचारे इस दीवाने दिल क़ा,
अब तो यह ख़ुद से कर बैठा बग़ावत है
दिल से विजय
ये जिंदगी तो यारों एक सुहाना सा सफऱ है
कहीं रुक गये तो ये जिंदगी हो जाती दूभर है
इसलिये तुझे सदा सफ़र में ही चलते रहना है,
रोज चलने पर ही बनता है कोई शुद्ध निर्झर है
दिल से विजय