कुछ ख्वाब लिखती हूँ,, कुछ ख्याल लिखती हूँ.. जो शब्द दिल में उतर जाए, वो एहसास लिखती हूँ..
आँखों में मेरी खुद को कभी देखा ही नहीं उसने आँखों में मेरी खुद को कभी देखा ही नहीं उसने
हमदर्दी की आदत तो उसे थी ही नहीं कभी फिर भी जब मरहम लाया और, डर गए हम हमदर्दी की आदत तो उसे थी ही नहीं कभी फिर भी जब मरहम लाया और, डर गए हम