मोहनजीत कुकरेजा (eMKay)
Literary Brigadier
AUTHOR OF THE YEAR 2020,2021 - NOMINEE

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'Literary Brigadier' and a 'Voice of StoryMirror'. The author, who belongs to Delhi (India), and prefers to be called 'eMKay' (short for Mohanjeet Kukreja), is a Pharma professional, holding a master's degree (M. Pharm) from University of Delhi; who nurtures writing as a passion.

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इस साल में क्या-क्या पाया और क्या-कुछ हमने गंवाया! मौत का डर, जीने का सबक़, सब इसने ही तो सिखाया!! आइये मिल कर उम्मीद करें कि आने वाला साल बेहतर और मंगलमय हो! Happy New Year!! eMKay

ख़ुद के लिए न सही, चलो दूसरों के लिए फ़रियाद कर लें मुनासिब घड़ी है, दोनों जहाँ के मालिक को याद कर लें... कब तक रहेंगे क़ैद हम, मोह-माया की बेड़ियों में जकड़े अब भी वक़्त है, इन बंदिशों से खुद को आज़ाद कर लें... eMKay

साँसों का सिलसिला इस पल है, अगले पल नहीं ज़िन्दगी का ऐसा ही है, यह आज है तो कल नहीं आना-जाना मुनहसिर है परवरदिगार की रज़ा पे अगर इसे मस्ला समझो तो इसका कोई हल नहीं eMKay

जो भी है बस आज ही, कल की ख़बर क्या मंज़िल का पता पहले से हो तो सफ़र क्या... - eMKay

ज़िन्दगी की दौड़ में कितने रिश्ते टूट गए कुछ को हमने छोड़ दिया बाक़ी छूट गए - eMKay

जितनी भी तक़लीफ़ मिली जीने से ही मिली मुझको आख़िर मर कर समझा नाहक़ ही बदनाम क़ज़ा थी!! - eMKay

सितम कहाँ कुछ कम हुए… जो ना रो दिए वोही था बहुत ! - eMKay

मतलब की है दुनिया सारी, सब मतलब का ही सौदा है अब नुक़्स कहो या ख़ूबी, अपने में कभी मैं पा ना सका! - eMKay

हमारी क्या बात करते हो, इश्क़ किया तो शिद्दत से... तुमसे हुआ नहीं या किया नहीं, यह तो बस तुम जानो! - eMKay


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