पापा का नालायक बेटा, अम्मी का लाडला बेटा, अपनी बेटी का फेवरेट, और पत्नी का अच्छा मित्र, समाज के लिए एडवोकेट, और खुद के लिए मन मौजी,
बात करीब छब्बीस साल पहले की है मगर आज और ज़िन्दगी के हर लम्हे में मुझे कुछ यूं याद रहती बात करीब छब्बीस साल पहले की है मगर आज और ज़िन्दगी के हर लम्हे में मुझे कुछ यूं य...