Neelam Dubey
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जितना ही आसान है हिम्मत रखना कह देना, उतना ही मुश्किल है सचमुच हिम्मत रख लेना। -नीलम दुबे

रखो गर रिश्तों को ज्यादा सहेजकर, वो घुटन की शिकायत कर आजादी चाहते हैं। -नीलम दुबे

ना जाने क्यों करता है शहर तेरी कंजूसी के चर्चे, बद्दुआएं तो तुम हमें जी भर के देते हो। -नीलम दुबे

ना जाने क्यों करता है शहर तेरी कंजूसी के चर्चे, बद्दुआएं तो तुम हमें जी भर कर देते हो। -नीलम दुबे।

हे! ईश्वर अब तो रहम कर नज़ारे बदल दे, थक रही है जुबां अब फरियाद करते करते। #कोरोना -नीलम दुबे।

कोरोना है की इंसान, वक्त के साथ ये भी बड़े ' लक्षण ' बदलता है।। - नीलम दुबे।

जिंदगी तेरी आजमाईशों के आगे, गुंजाइशें मेरी दम तोड़ने लगीं हैं। -नीलम दुबे।

बिकने लगी इंसानियत कौड़ी के दामों में, बेइमानियों ने घर किया मंद मुस्कानों में, फरेबियों ने पहने हैं जबसे मुखौटे इमानों के खुद का जहर जिनसे संभाले संभालता नहीं, वही ढूंढ रहे आजकल सांप आस्तीनाे में। - नीलम दुबे।

यहां हर शख्स में छुपा बैठा इक मदारी है, उसी का डमरू उसके बोल उसी की इच्छा सारी है, नीयत की जहां देखो वहीं नकली बाजारी है, यहां बस आईना है जिंदा जो सच बताता है, वर्ना चस्मदीदों की ना जाने क्या लाचारी है। - नीलम दुबे।


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