Rupesh Kumar
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एम.एससी फिजिक्स, बी.एड, ए.डी.सी.ए युवा साहित्यकार एवं प्रतियोगिता परीक्षा का छात्र हू, मै शौक से साहित्य लेखन करता हू!

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घर जाकर हम घर के सौदागर हो गए , पहाड़ पर पत्थर देख कर हम कारीगर हो गए , पैसा देखकर हम पैसों के बाजीगर हो गए हैं डर से हम डरकर कर जिगर हो गए ! ~ रूपेश कुमार

आखों आखों मे काजल ना लगाया करो, नवजवानों की धडकनें ना धड़काया करो , तुम तो निकल जाओगी अपना हुश्न दिखा करो , ये नवजवानों का साँस ना ले जाया करो! - रुपेश कुमार

एक बेहतरीन सोच हर एक की सुनो ओर हर एक से सीखो क्योंकि हर कोई, सब कुछ नही जानता लेकिन हर एक कुछ ना कुछ ज़रुर जानता है !

जीवन के रंगो मे , सुख दुख दोनो साथ रहेंगे , कही निस्वार्थ तो , कही आप्स्वर्थ , यही जीवन की रित है !

जीवन के रंगो मे , सुख दुख दोनो साथ रहेंगे , कही निस्वार्थ तो , कही आप्स्वर्थ , यही जीवन की रित है !

जीवन के रंगो मे रंग दे मुझे , कल यहाँ रहूँ या कहाँ रहूँ मालूम ना मुझे! रुपेश कुमार

जीवन मे अगर जीना है तो , लॉकडाऊन मे रहना ही पड़ेगा , जीवन है अगर जहर तो , पीना ही पड़ेगा ! रुपेश कुमार

जीवन के झरनों मे, याद्दो के रंगो मे, रंग ले सुनहरी, कलमो की अभिव्यक्तियों मे, क्या ये कलम रह ना पायी, मै यहाँ झिलमिलायी! ~ रुपेश कुमार

देश को स्वस्छ बनाना है तो , कोरोना दूर भागाना होगा , साफ सफाई जरुरी है , जीवन की मजबुरी है , मानवता के लिए हम , समाज को जागृत करना चाहिए , सृष्ठी को बचाना है तो , कोरोना दूर भागाना है ! ~ रुपेश कुमार


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