दुख में सुख में गा रहे,हम प्यार का गीत।
मेरे मन ऐसा बसा,जीवन का संगीत।।
बन्द कलियों से शबनम चुरा लीजिए।
अपने लब को लबों से मिला लीजिए।।
हर व्यक्ति का जीवन किसी फ़िल्म कथा से कम नहीं होता ।बस फ़र्क़ इतना होता है कि कोई हिट और कोई फ्लॉप।इस हिट और फ्लॉप के हम स्वयं जिम्मेदार होते हैं।
अगर तुम ठान लो आगे बढ़ने की।
तुम्हें कोई नहीं रोक सकता कामयाबी से।
फ़र्क़ नहीं पड़ता कि तुम महिला हो या पुरुष।
बस इसी डर से आगे निकलना ही विजय है।
जल्दी करने से आप हुई देरी की भरपाई नहीं कर सकते।
मौत का बस यही तो कहना है।
आज जीना है कल को मारना है।।
---ईशान अहमद
जिसकी जितनी बड़ी कल्पना।
उतना बड़ी रचना।।
--ईशान