I'm Nandini and I love to read StoryMirror contents.
हर दिन आग है, आसमां धुआँ मज़ाल है मेरी मैं उसमें जल जाऊँ मज़ार शायद बन जाए |
मुझ जैसी शाम को मेहताब से मशवरा चाहिए, मुझ जैसी शाम को हर नफ़्स की दुआ चाहिए!