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ये अपने जीवन की गुहार लगाई किसने ? ये अपने जीवन की गुहार लगाई किसने ?
ह्रदय से तुम स्वागत कर पाओ, उस दिन तुम यह दिवस मनाना। ह्रदय से तुम स्वागत कर पाओ, उस दिन तुम यह दिवस मनाना।
श्रेष्ठ राष्ट्र निर्माता है यह, जन जन का गणतंत्र है। श्रेष्ठ राष्ट्र निर्माता है यह, जन जन का गणतंत्र है।
कभी पुष्प की कोमल बाहर सा, कभी दामिनी के प्रचंड प्रहार सा, कभी पुष्प की कोमल बाहर सा, कभी दामिनी के प्रचंड प्रहार सा,
एक बार हम निकल पड़े, जाने को बाजार, पांच रुपैया देने का, अम्मा को हुआ विचार।। एक बार हम निकल पड़े, जाने को बाजार, पांच रुपैया देने का, अम्मा को हुआ व...
एक पौधा लगाएं या वृक्ष बचाएं, या जंगल, नदियों, जलस्रोतों से थोड़ा सा कूड़ा हटाएँ। एक पौधा लगाएं या वृक्ष बचाएं, या जंगल, नदियों, जलस्रोतों से थोड़ा सा कूड़ा हटाए...
फिर बसन्त की आहट आई हर जगह फ्योंली मुस्काई फिर बसन्त की आहट आई हर जगह फ्योंली मुस्काई
महिला दिवस मनना हो तो, नाममात्र का नहीं मनाना। महिला दिवस मनना हो तो, नाममात्र का नहीं मनाना।
मत मारो मुझको पढ़ने , मुझको भी आगे बढ़ने दो। मुझे जीने दो मुझे ज्ञान, मुझे विद्या का मत मारो मुझको पढ़ने , मुझको भी आगे बढ़ने दो। मुझे जीने दो मुझे ज्ञान, ...
पल पल की कीमत को जानो, हर पल का सदुपयोग करो। पल पल की कीमत को जानो, हर पल का सदुपयोग करो।