Written & Narrated by Rockshayar Irfan Ali Khan
Abstract
तख़लीक़
वो पुराना कुआ
एक नादान परिं...
कुछ कहना है म...
मुझको मुझसे र...
आज भी वहीं खड़...
कुछ कहना है प...
नज़्म का अलाव
ख्वाजा पिया
परवाज़
खुशबू का वो इ...
वो पोस्ट ग्रे...
जश्ने आज़ादी
तमाम शब मैं त...
वादियों के जह...
मैं मैं हूँ
कल अगर मैं ना...
अल्फ़ाज़ से आवा...
म्हारो राजस्थ...
मौगली की कहान...
भानगढ़ की कहान...
म्हारो शहर ओ ...
Engineering न...
मैं एक एहसास ...
साड्डा यार
सैलाब
लौट कर आई सदा...
फ़ितूर
रातें कटती नह...
करवटें बदल बद...
देखो कभी मेरी...
तुम्हारी तस्व...
सहर -2
सहर - 1
ख़वाब
अल्विदा ओ मेर...
College days ...
बिखरते गए रिश...
नज़म लिखते लि...
गीली हो गई है...
खुद को पाने क...
वोः जो रूह है...
"आज खुश हूँ ब...
"सर्दियाँ दा ...
“आज फिर मैं स...