एक तरफ़ है मानवता और दूसरी तरफ़ है वर्चस्व की लड़ाई, बड़ा और बड़ा बनने की सनक ने मचाई चारों तरफ़ तबाही।लड़ाई और युद्ध किसी भी समस्या का हल हो सकता है क्या? युद्ध से सिर्फ़ विनाश और विध्वंस हो सकता है, किसी भी हिंसा का शिकार एक परिवार होता है जो कि अपने चहेतों को खोकर इसकी कीमत चुकाता है।चोट की पीड़ा कितनी गहरी होती है ,इस बात का एहसास तभी होता है जब वो खुद को लगती है, किसी अपने को खो देने का गम या बिझड़ जाने का गम पूरे जीवन भर कचोटता है, ये हम तब ही जान पाते है जब खुद उस दुःख से रूबरू हुए हो।इसलिए कोई भी फैसला लेने से पहले ये जरूर सोचा जाना चाहिए कि इसका प्रभाव हम पर, हमारे परिवार पर, हमारे समाज पर, हमारे देश पर और पूरे विश्व पर क्या पड़ेगा।
Check out my latest episode!
एक तरफ़ है मानवता और दूसरी तरफ़ है वर्चस्व की लड़ा
ना कहना भी बहुत जरूरी है, जहाँ मन ना लगे वहाँ र
Check out my latest episode!
चलो फिर कुछ
Check out my latest episode!
अपने लिए कुछ
Check out my latest episode!
समय हमेशा एक
हम देशभक्ति किसे समझते है.... क्या सिर्फ़ परिभाष
Check out my latest episode!
माँ बाप जिस
साबित किया है जिसने कई बार अपने अस्तित्व को हर
Check out my latest episode!
ये पल ही तो
Check out my latest episode!
Check out my latest episode!
कुछ बने ना ब
Check out my latest episode!
Winning and
Life is unpredictable and life is full of up an