Bhul paane
आलोक धन्वा प्रसिद्ध हिन्दी जनकवि हैं। आलोक धन्वा हिन्दी के उन बड़े कवियों में हैं, जिन्होंने 70 के दशक में कविता को एक नई पहचान दी। उनकी गोली दागो, पोस्टर, जनता का आदमी, कपड़े के जूते और ब्रूनों की बेटियाँ जैसी कविताएँ बहुचर्चित रही है। 'दुनिया रोज़ बनती है' उनका बहुचर्चित कविता संग्रह है। कविता - भूल पाने की लड़ाई कवि - आलोक धन्वा अनुवाचन - एकांत Background Source - Youtube