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CHATH PAR CHAND SATATA HAI...

CHATH PAR रचनाकार के बारे में - “ बेबस है रात ’’ के रचनाकार हर्ष कुमार बधेका उर्फ “मसरूर “का जन्म २९ मई १९९० को मुम्बई में हुआ। यही पर उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। तत्पश्चात् के.सी. कॉलेज से स्नातक (बी.ए.) एवं हिंदी में स्नातकोत्तर (एम.ए.) की उपाधि प्राप्त की। स्नातकोत्तर में अध्ययन के दौरान ही बचपन से ही दबी हुई साहित्य रूचि को एक नया आकाश मिला। उन्होंने अपनी भावनाओं एवं रूचि के अनुसार विचारों को लिपि बद्ध  करने का निर्णय लिया । यह किताब इसी रूचि और लग्न का फल है , जिसमे उन्होंने अपने अंदरूनी जज़्बात और खयालातों को बखूबी रंगों से सजाकर खूबसूरत कविताओं का रूप दिया है और एक साहित्य की खुशबू से महकते गुलदस्ते की तरह आपको पेश किया है । इन कविताओं को पढ़ते हुए आपको एहसास होगा की उन्हें चाँद से बेहद रूमानी और रूहानी लगाव रहा है और चाँद से जुड़ा रोमांच इनकी कविताओं में झलकता है।          लेखन की तरफ अपना पहला प्रेम बरक़रार रखने के साथ साथ हर्ष फिल्म डायरेक्शन से भी जुड़े हुए है और बहोत छोटे से अरसे में ही चार फिल्मो में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम कर चुके है जिसकी वजह  से उनकी दुनिया और ज़िन्दगी की समज ज्यादा बड़ी और गहरी हुई है और जिसका असर उनकी लफ़्ज़ों की कलाकारी में चार चाँद लगते हुए नज़र आता है ।
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रचनाकार के बारे में - “ बेबस है रात ’’ के रचनाकार