“
तुम नारी हो, मासिक धर्म है तुम्हारा नारीत्व, गर्व करो खुद पर,
पवित्र हो तुम,अछूत नहीं,हार न मानो कभी इन बातों से डरकर,
आखिर पैड खरीदने में क्यों शर्माना,महावारी से क्या है घबराना,
तुम्हारे रक्त से चिराग जलते घरों के,ये बात सभी को है समझना।
मिली साहा
”