“
टूटे हुए आइने पर बिखरा हुआ अक्स सभी को नज़र आया,
पर टूटकर बिखरे हुए दिल का ज़ख्म कोई भी देख ना पाया,
दुनिया सिर्फ ऊपरी क़िरदार देखती है मन के अंदर उठा तूफान नहीं,
दिल पर लगी चोट दिखती है आंखों में आईना भी तो इससे अनजान नहीं,
टूटे हुए आईने को समेट भी लें तो वो कभी जुड़ सकता नहीं,
ज़ख्म एक बार गहरा लग जाए दिल पर तो जिंदगी भर भरता नहीं।
मिली साहा
”