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सुनो!
...
सुनो!
तुम खामोश...
सुनो!
तुम...
“
सुनो!
तुम खामोश रहकर भी
सबकुछ कह गये...
और हम अनसुना करके भी
सब समझ गये।
मर्यादा भी नहीं टूटी और
बातचीत भी हो गई।
#रूपेश_श्रीवास्तव_काफ़िर
”
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