“
सरहद पर उस जमीन से तिरंगा
आसमान को चूमने लगा
भारत वीरों की विजय की परचम
पूरे विश्व में घूमने लगा ।
कारगिल की भूमि से वीर जवान
विजय की शंखनाद करने लगे ।
मातृभूमि पर कुरवानी का डंका
जन मानस में फूंकने लगे ।
फिर लिख गए देशभक्ति के
नए अध्याय नयी गाथाएं ।
अपने वंशजों को सुनाने छोड़ गए
शौर्य और गर्व की कथाएं ।
”