“
सर्दी एक मौसम नहीं ,एहसास है
तेरे और मेरे इश्क की लड़ाई का
ज़ायका है चाय जैसा
तन्हाई है सर्दी के बर्फ जैसा
तेरे इश्क़ का रंग और खुशबू
मेरे दिल में ऐसे छुपे जैसे
ठंड के मौसम में कोहरे का पहरा
एक कशिश एक एहसास
जैसे चाय के बिन ठंड अधूरी
वैसे तेरे बिन मैं अधूरी
”