“
सर्दी एक मौसम नहीं एहसास है
जंग है कोहरे और धुंध के बीच का
पत्तों पे जमी ओस की बूंद का
पहाड़ों पे जमी ठंडी बर्फ का
सर्द हवाओं में सूरज भी ठिठुरता
और छिप जाता बादल को ओढ़ के
फिर अपनी आलस छोड़ कर
खिलती धूप बिखेर देता
सूरज अपनी बाहें फैला कर
सबको गले लगाता
प्यार की गर्माहट से सब पिघल जाता
बादल,बर्फ,ओस,कोहरा
सूरज के आगोश में लिपटी ठंड
कुछ पल के लिए कम हो जाता ठंड का पहरा
”