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सावन की...

सावन की पहली फुहार से मुस्कान आई धरा के अधरों पर। खिल उठी प्रकृति पाकर नवजीवन खिलखिलाए फूल जब गूंजे गूंजिता के स्वर। मिली साहा

By मिली साहा
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