“
रिश्ते ज़रूरतों के मोहताज़ नहीं होते, मगर ज़रूरतों से बनते हैं और ज़रूरतों से ही टूट जाते हैं। ज़रूरत पड़ने पर लोग रिश्ते जोड़ लेते हैं मगर जुड़े हुए रिश्तो में अगर ज़रूरत पड़ जाती है तो वही ज़रूरत उस रिश्ते की टूटने की वजह बन जाती है।
✍️देवश्री पारीक 'अर्पिता'
”