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फूलों...

फूलों से,कलियों से,लताओं से दोस्ती कर, मन का उपवन खुशबू से खिल-खिल जाता है। स्वर्ण किरणों का बना झूला, मन आसमान में उड़ने लगता है, बहते झरने को हाल ए दिल सुनाकर, मन मेरा अद्भुत शांति का अनुभव करता है। मिली साहा

By मिली साहा
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