STORYMIRROR

फैसला...

फैसला तुम्हारा था तो तुम चलीं गईं, पर काश! अच्छे दिनों की सुनहरी यादें, इंतज़ार में बीतीं स्याह रातें, आँखों में चुभते टूटे सपनों के शीशे, और रेत की तरह बिखरता झूठे वादों का घरौंदा, काश! तुम ये सब भी अपने साथ ही ले जातीं। अंकिता भदौरिया

By Ankita Bhadouriya
 230


More hindi quote from Ankita Bhadouriya
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
7 Likes   0 Comments