“
नशा की गोली क्यों खा रहे हो
खाना हो तो इश्क़ की गोली खाओ।
जो तुम्हें ख़ुदा भी साथ दे दे।
किसी को चाहने पर इशारे से काम नहीं है।
जब तलक वो तुझे हां न कर दे।
तुम सीसे का महल बना लो
नहीं तो तुझे कोई देख लेगा।
आशिक़ तो बहुत देखे पर तुझे
पर तुझे कोई देख ले तो,
वहीं प्यार होगा।
राइटर मनोज कुमार
”