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नन्हें पंखों को संसार रूपी आसमान में उड़ान देती हूं,
उत्सुकता भरी आंखों में साकार सपने देती हूं,
नन्हें हाथों को कलम की ताकत समझाती हूं,
दुनिया कि हर परिस्थिति के लिए तैयार करती हूं,
कच्ची मिट्टी से मन को दृढ़ आत्मविश्वास में बदलती हूं,
और हर रोज देश के एक सुनहरे भविष्य की नींव रखती हूं,
"हां! मैं एक शिक्षक हूं" और यह मैं बड़े गर्व से कहती हूं।
✍🏻 तरनीजा मोहन राठौड़
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