“
निखट्टू को थोडा सुंदर क्या बना दिया
देखो तो इसमें कितनी ऐंठ है
कितना मासूम मुँह है मेरे सोना का
पर मुआ कितना मुँहचैट है
जब मुस्कुराना ही नही था मुझे देखकर फिर
खुदा से लिए ही क्यों इसने इतने प्यारे होंठ है
अब तक तो अंधा भी, मेरी आँखों मे प्यार है जान जाता
मुझे तो लगता मेरे जानू की आंखों में ही खोट है
#शर्माजी के शब्द
”