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नारी....... ...

नारी....... सीता की पवित्रता है, मीरा का प्रेम भी, सती की तरह शिव का आधा अंग भी, पाप बढ़े धरती पर जब, तो दुष्टों के संहार को, दुर्गा का है रूप यही, और यही है चंड़ी भी।

By Ankita Bhadouriya
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