“
मुझे तेरी बफा से बफा है तब से जब
प्यार और दोस्ती में फर्क तक नही जानता था
मैं तुझे अब भी नही जानता पूरा लेकिन
मेरे आंसू का कतरा तेरा हाथ कब से पहचानता था
रास्तों का बटवारा इतना जरूरी है, तो कर ले मगर
मैं आज भी तुझे अपना मानता हूं, कल भी मानता था
#शर्माजी के शब्द
”