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मुझे कभी...

मुझे कभी इश्क़ था ही नहीं बस इज़हार कर बैठा, उसकी खुशियों को देखकर भरमार समझ बैठा। ना वो कभी मेरे गम और ना खुशियों में शामिल हुआ, उसने एक दफा इज़हार किया, मैंने भी प्यार समझ बैठा।

By Anil Yadav
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