मेरी...

मेरी ख़ामोशी को मेरी कमज़ोरी का सबब ना समझ, तुझसे यूँ पेश आना, तेरे लिए मेरी अदब है!! यूँ तो बोल हर कोई ही लेता है, ग़र दिल के आलम को कागजों की परतों पर उतारा जा सके, यह हुनर हर एक में थोड़ी ना है!!

By Kajal Raturi
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