“
मैं कल के लिए कैसे छोड़ दूँ आज की खुशी
आज सबसे अमीर हूँ तुम्हारा हाथ जो मेरे हाथ मे है
मुझे समझने नही कैसे कैसे किस्मत के खेल
मेरे हमसाये मानिंद मुकद्दर मेरे साथ मे है
खुशी से कहो दरवाजे पर रहे और गम मुँह मोड़कर
अभी हुजूर ए आला की मेहर मेरी कायनात मे है
बाद में जितना चाहो रुला लेना मुझे परवाह नही
अभी मेरे होंठो की कलियाँ हँसने की फिराक में है
#शर्माजी के शब्द
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